🎥 "सफलता वो नहीं जो दिखती है, सफलता वो होती है जो संघर्ष की कहानी कहती है..."
विक्रांत मैसी — एक ऐसा नाम, जिसने छोटे पर्दे से शुरुआत की, वेब सीरीज़ में पहचान बनाई, और अब बड़े पर्दे पर भावनात्मक और प्रभावशाली अभिनय से दिल जीत रहा है। आज जब उनकी नई फिल्म “छाया” को ज़बरदस्त सराहना मिल रही है, तो आइए जानते हैं इस सादगी से भरे कलाकार की संघर्ष और सफलता की अनसुनी कहानी।
👶 प्रारंभिक जीवन – एक साधारण परिवार से सिनेमा तक
विक्रांत मैसी का जन्म 3 अप्रैल 1987 को मुंबई में हुआ। उनका बचपन नवघर (वसई) जैसे साधारण इलाकों में बीता।
🎭 उन्हें बचपन से ही अभिनय और नृत्य का शौक था, और स्कूल में स्टेज शो करने से लेकर कॉलेज तक के नाटकों में उन्होंने खूब मेहनत की।
👉 एक्टिंग स्कूल नहीं, अनुभव ही उनका शिक्षक बना।
📺 टीवी से फिल्मी दुनिया तक – एक धीमी लेकिन मजबूत शुरुआत
विक्रांत ने अपने करियर की शुरुआत की थी 2004 में टीवी शो “धूम मचाओ धूम” से।
इसके बाद उन्होंने बालिका वधू, क्यूंकि सास भी कभी बहू थी, और धोम मचाओ धूम जैसे धारावाहिकों में अपने अभिनय का परिचय दिया।
🎬 हालांकि टीवी पर पहचान मिल चुकी थी, लेकिन बॉलीवुड में ब्रेक लेना उनके लिए आसान नहीं था।
🎬 फिल्मी ब्रेक – "लुटेरा" और "दिल धड़कने दो" से “छपाक” तक
उनकी पहली बड़ी फिल्म थी "लुटेरा" (2013), जिसमें उन्होंने रणवीर सिंह के दोस्त की भूमिका निभाई थी।
इसके बाद “दिल धड़कने दो” में भी छोटी लेकिन यादगार भूमिका निभाई।
पर असली पहचान मिली मेघना गुलज़ार की फिल्म "छपाक" में दीपिका पादुकोण के अपोज़िट अभिनय से।
🎭 वहाँ से उन्होंने दिखा दिया कि वो सिर्फ सपोर्टिंग रोल नहीं, मुख्य किरदार निभाने में भी दम रखते हैं।
🌟 "छाया" – 2025 की सबसे भावनात्मक फिल्म
2025 में रिलीज़ हुई उनकी नई फिल्म "छाया", समाज में अनदेखे दर्द, परिवार की उलझनों और आत्म-खोज की गहराई को सामने लाती है।
विक्रांत ने इसमें एक डिप्रेशन से जूझते युवक का किरदार निभाया है, जिसकी संवेदनशीलता और परिपक्वता ने दर्शकों को रुला दिया।
📣 फिल्म समीक्षक अनुपमा चोपड़ा ने कहा:
"विक्रांत की आंखें संवाद करती हैं। 'छाया' में उन्होंने अभिनय नहीं किया, किरदार को जिया है।
🏆 पुरस्कार और पहचान
🔹 Filmfare OTT Awards – सर्वश्रेष्ठ अभिनेता (Criminal Justice)
🔹 Zee Cine Awards – Rising Star
🔹 2025 में "छाया" के लिए Best Actor का नामांकन
🧠 अभिनय की खासियत – “कम शब्द, गहरी भावनाएँ”
विक्रांत उन अभिनेताओं में से हैं जो अत्यधिक नाटकीयता से दूर, अभिनय में गहराई और सच्चाई लेकर आते हैं।
💬 उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा:
"मैं स्क्रीन पर चमकने के लिए नहीं, सच्चाई दिखाने के लिए आता हूँ।"
"सफलता मेरे लिए प्रशंसा नहीं, आत्मसंतोष है।"
🧭 संघर्ष से मिली सीख – युवाओं के लिए प्रेरणा
👉 विक्रांत कभी स्टार किड नहीं रहे।
👉 उन्होंने खुद ऑडिशन दिए, रिजेक्शन झेले, असफलताएं देखीं।
👉 लेकिन धैर्य, निरंतरता और आत्मविश्वास ने उन्हें आज बॉलीवुड का रियल आर्टिस्ट बना दिया है।
📢 दर्शकों के अनुभव – सोशल मीडिया पर तारीफों की बौछार
💬 “छाया ने मुझे मेरी माँ की याद दिला दी। विक्रांत की परफॉर्मेंस सीधे दिल तक गई।”
💬 “हर बार जब विक्रांत स्क्रीन पर आते हैं, लगता है कोई अपना बोल रहा है।”
📜 निष्कर्ष:
विक्रांत मैसी सिर्फ एक अभिनेता नहीं, एक सच्चे कलाकार हैं।
🎬 उन्होंने ग्लैमर की दुनिया में अपनी सादगी, गहराई और संघर्ष से वो मुकाम हासिल किया है, जो बहुतों के लिए सिर्फ सपना होता है।
🙏 संघर्ष से जो चमक निकलती है, वो विक्रांत की आँखों में साफ दिखती है।
📌 Vikrant Massey से जुड़े सामान्य प्रश्न
उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 2004 में टीवी शो "धूम मचाओ धूम" से की थी।
इस फिल्म में वे एक मानसिक संघर्ष झेलते युवक का किरदार निभा रहे हैं, जो बहुत संवेदनशील और भावनात्मक है।
नहीं, वे किसी फिल्मी परिवार से नहीं आते। उन्होंने अपने संघर्ष और टैलेंट के दम पर जगह बनाई है।
"क्रिमिनल जस्टिस" और "मिर्जापुर" जैसे शो में उन्होंने बेहतरीन काम किया है।

0 Comments